केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 21वीं सदी में भारत की नई पीढ़ी को तैयार करेगी, जिनके नेतृत्व में वैश्विक कल्याण होगा। प्रधान ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के कायार्न्वयन के एक वर्ष की उपलब्धियों पर तैयार पुस्तिका का विमोचन करने के बाद मंगलवार को कहा कि पिछले एक साल एक महीने की उपलब्धियों को देखकर आत्मविश्वास बढ़ता है। पिछले चार पांच साल में शिक्षा मंत्रालय और सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने ऐसा दृष्टिकोण अपनाया है जिससे सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास बहाल हुआ है।

उन्होंने कहा कि इस पुस्तिका में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की उपलब्धियों का आंकड़ा प्राप्ति करने का मसौदा नहीं है बल्कि 21वीं सदी में भारत भारत के नेतृत्व में विश्व कल्याण हो ऐसा मसौदा है। इसमें ज्ञान के माध्यम से चरित्र निर्माण और चरित्र निर्माण से राष्ट्र निर्माण की परिकल्पना है जो सदियों से भारत की परंपरा में रही है।

एनआईओएस का वचुर्अल स्कूल और एनसीईआरटी का वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर लॉन्च
केंद्रीय मंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के एक वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा तैयार पुस्तिका का विमोचन करने के अलावा निपुण भारत मिशन, वचुर्अल लाइव क्लासरूम और वचुर्अल लैब के माध्यम से एक उन्नत डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म प्रदान करने के लिए एनआईओएस का वचुर्अल स्कूल, और एनसीईआरटी का वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर 2021-22 को लांच किया। इसके अलावा दिव्यांग बच्चों के लिए एनसीईआरटी द्वारा विकसित कॉमिक बुक ‘प्रिया’ का भी विमोचन किया।