सीबीएसई व आईसीएसई बोर्ड का कहना है कि सरकार के इस फैसले से काफी दिक्कतें खड़ी होने वाली हैं. इस से बच्चों की पढ़ाई और करियर में अस्थिरता आएगी जिससे पढाई की क्वालिटी में कमी आना तय है.

हरियाणा. हरियाणा सरकार ने हरियाणा निशुल्क अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियम 2011 में बदलाव कर कक्षा आठवीं के लिए बोर्ड आरंभ करने का फैसला किया है. जिसके तहत अब हरियाणा में सभी शिक्षा बोर्डो के 8वी कक्षा के बच्चों की वार्षिक बोर्ड परीक्षा अब हरियाणा बोर्ड द्वारा ली जाएगी. इस संदर्भ में शिक्षा विभाग द्वारा सभी जिला शिक्षा अधिकारियों से जिलों में सभी अन्य बोर्डों के स्कूलों की सूची मांगी गई है. वहीं सीबीएसई व आईसीएसई बोर्ड द्वारा इस फैसले पर विरोध जताया जा रहा है. सीबीएसई स्कूल यूनियन इस फैसले के खिलाफ कोर्ट जाने को कहा है.

सीबीएसई व आईसीएसई बोर्ड का कहना है कि सरकार के इस फैसले से काफी दिक्कतें खड़ी होने वाली हैं. इस से बच्चों की पढ़ाई और करियर में अस्थिरता आएगी जिससे पढाई की क्वालिटी में कमी आना तय है. ऐसे में हम इस फैसले का विरोध करते है. इसके साथ ही सीबीएसई स्कूल यूनियन भी इस फैसले पर कड़ा एतराज जता रहे है. यूनियन का कहना है कि जिस बोर्ड में बच्चा पढ़ रहा है उसी को वार्षिक परीक्षा लेने का हक है. ऐसे में शिक्षा विभाग का यह फैसला गैर कानूनी है. यूनियन का कहना है कि हम इसके बारे में सरकार से बातचीत करेंगे अगर जरूरत पड़ी तो कोर्ट का रुख किया जाएगा.

बच्चों की पढ़ाई की गुणवत्ता बढ़ाना है मुख्य लक्ष्य
इस बारे में हरियाणा स्कूल बोर्ड एजुकेशन के चेयरमैन ने जानकारी देते हुए बताया कि पहले हरियाणा शिक्षा बोर्ड कक्षा 5,8,10 ओर 12 के लिए बोर्ड की परीक्षा लेता था. लेकिन उसके बाद शिक्षा का अधिकार नियम लागू होने से सिर्फ 10वी ओर 12वी की परीक्षा होने लगी. लेकिन अब हरियाणा शिक्षा नीति में संशोधन के बाद हरियाणा में सभी बोर्डों के 8वी कक्षा के बच्चों की वार्षिक परीक्षा हरियाणा विद्यालय बोर्ड द्वारा ली जाएगी बच्चों की पढ़ाई की गुणवत्ता बढ़ाना इसका मुख्य लक्ष्य है.