सार
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में स्कूल, कॉलेज व कोचिंग संस्थान खोलने का फैसला किया गया
पहले चरण में 9वीं से 12वीं तक के स्कूल खोले जाएंगे, पहले चरण के अनुभवों के आधार पर अन्य कक्षाओं को लेकर लिया जाएगा फैसला
बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ उनकी सेहत का भी खयाल रखा जाएगा-अरविंद केजरीवाल
अभिभावकों की मंजूरी के बिना बच्चों को स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा
स्कूलों में ऑफलाइन केसाथ-साथ ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी

दिल्ली सरकार ने राजधानी में एक सितंबर से नौवीं से 12वीं कक्षा तक के बच्चों के लिए स्कूलों को खोलने का फैसला किया है। साथ ही कॉलेज व कोचिंग संस्थानों को खोलने की अनुमति भी दी गई है। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की शुक्रवार को आयोजित बैठक में चरणबद्ध तरीके से स्कूल खोलने का निर्णय लिया गया।  पहले चरण के अनुभवों के आधार पर अन्य कक्षाओं के लिए स्कूल खोलने का फैसला किया जाएगा। हालांकि स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई भी जारी रहेगी। अभिभावकों की मंजूरी के बिना बच्चों को स्कूल जाने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा।

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेसवार्ता कर बताया कि पहले चरण में कक्षा 9 से 12 तक के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के साथ-साथ सभी कोचिंग संस्थानों को खोलने की मंजूरी दी गई है। कॉलेज और यूनिवर्सिटी भी खुल जाएंगे। आठ सितंबर सेे छठी से आठवीं तक के स्कूल भी खुल सकते हैं। दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ाने वाले 98 फीसदी शिक्षकों और बाकी स्टाफ को कम से कम वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली और देशभर में कोरोना के मामलों में लगातार कमी आ रही है। जिस तरह से चरणबद्ध तरीके से व्यावसायिक गतिविधियों को शुरू किया गया था, उसी तरह से शैक्षणिक गतिविधियों को भी शुरू किया जाएगा। स्कूलों में सामाजिक दूरी का कड़ाई से पालन करना होगा। इसके लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की जाएगी।

उन्होंने बताया कि स्कूलों को दोबारा खोलने के लिए ई-मेल के द्वारा अभिभावकों से सुझाव मांगे गए थे। 70 फीसदी से अधिक अभिभावकों का मानना है कि स्कूलों को दोबारा खोला जाएं। अन्य अभिभावकों ने भी स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से खोलने के लिए सुझाव भेजे थे।

बच्चों की सेहत और पढ़ाई दोनों का ध्यान रखना है : केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि कोरोना के कम होते मामलों के बीच पूरी सावधानी के साथ दिल्ली में अब धीरे-धीरे स्कूलों को खोला जा रहा है, ताकि बच्चों की पढ़ाई के नुकसान को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि हमें जिंदगी को वापस पटरी पर भी लाना है और बच्चों की सेहत और पढ़ाई दोनों का ध्यान भी रखना है।

विशेषज्ञ समिति की सिफारिश
भीड़ से बचने के लिए स्कूल केगेट पर अलग प्रवेश और निकास
कक्षा में बैठने की क्षमता के 50 प्रतिशत छात्रों को बुलाना
सफाई और स्वच्छता की सुविधा, क्वांरटीन रुम की व्यवस्था करना
नियमित आधार पर छात्रों और कर्मचारियों के नमूने एकत्र करना
छात्रों को खाना, किताबें, स्टेशनरी वस्तुएं साझा ना करने को लेकर गाइड करना
स्कूल के एंट्री गेट पर ही अनिवार्य रुप से थर्मल स्क्रीनिंग जरुरी
स्कूल के गेट, कक्षाओं, प्रयोगशालाओं और जनसुविधाओं वाली जगहों पर हाथ सेनिटाइज करने की व्यवस्था करना अनिवार्य है।
कक्षाओं व प्रयोगशालाओं में इस तरह से व्यवस्था करनी होगी कि कोविड-19 केदिशा-निर्देश ना टूटें।
बच्चों के एक ग्रुप के स्कूल से निकलने के बाद दूसरे ग्रुप के आने के बीच एक घंटे का अंतराल जरुरी है।
सभी प्रमुख स्थानों जैसे क्लास रूम, वॉशरूम पार्किंग, प्रवेश और निकास आदि पर पोस्टर संदेश प्रदर्शित किए जाएं, जिससे कि कोविड उपयुक्त व्यवहार जैसे शारीरिक दूरी और मास्क दिशा निर्देश आदि सुनिश्चित किया जा सके।
बच्चे लंबे अंतराल के बाद स्कूल आ रहे हैं, लिहाजा बच्चों की काउंसलिंग की जाए।